Tuesday, May 21, 2019

फ़ैशन की दुनिया को 'दुनिया' की फ़िक्र कहां?


फ़ैशन की दुनिया सदा से अपारम्परिक, बल्कि कहें परम्परा भंजक रही है. हममें से बहुत सारे लोग जब किसी चैनल पर फैशन परेड में मॉडल्स को अजीब-ओ-गरीब वेशभूषाओं में देखते हैं तो हमारी प्रतिक्रिया अस्वीकार और उपहास की ही होती है. हमें लगता है कि अगर हममें से कोई इस तरह की वेशभूषा धारण कर सड़क पर निकल जाए तो गली के कुत्ते उसकी दुर्गति किये बिना नहीं छोड़ने वाले. लेकिन इस बात से फैशन की  दुनिया के कर्ता धर्ताओं को कोई फर्क़ नहीं पड़ता है. वे अपना काम बदस्तूर ज़ारी रखते हैं. हां, इतना ज़रूर है कि हमें चौंकाने का कोई अवसर वे नहीं छोड़ना चाहते हैं. बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा’ – इस बात में सबसे ज़्यादा विश्वास शायद ये ही लोग करते हैं! अब देखिये ना, इधर हाल में अमरीका के एक फैशन ब्राण्ड ने इंस्टाग्राम पर एक मॉडल की एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उसने गुलाबी रंग की बहुत बुरी तरह से फटी हुई जीन्स पहन रखी है. पोस्ट होते ही इस तस्वीर पर लाइक्स की और प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई. ज़ाहिर है कि सारी प्रतिक्रियाएं प्रशंसात्मक नहीं थीं. मज़े की बात यह कि फैशन ब्राण्ड जितना प्रसन्न प्रशंसात्मक प्रतिक्रियाओं से था, उससे कम खुश उन प्रतिक्रियाओं से नहीं था जिनमें इस जीन्स को खूब बुरा बताया गया था.

दरअसल, लगातार ऐसा कुछ करते रहना जिस से लोग उत्तेजित हों, भड़कें और नाराज़गी भरी प्रतिक्रियाएं करें, फैशन की दुनिया की एक सुपरिचित रणनीति है.  उन्हें इस बात से कोई फर्क़ नहीं पड़ता है कि लोग उनके डिज़ाइन किये गए वस्त्रों को ना पहनने काबिल, भद्दे, बेतुके, बेहूदा या हास्यास्पद बता रहे हैं. वे न केवल इस बात से आनंदित होते हैं कोशिश करते हैं कि अगली दफा जो डिज़ाइन वे रैम्प पर उतारें वे पहले से भी ज़्यादा अजीब और लोगों को उकसाने वाले हों. शायद इसी सोच के चलते अमरीका की अलग अलग  फैशन कम्पनियों  ने पुरुषों के लिए पीवीसी निर्मित पारदर्शी  जीन्स, उन्हीं  के लिए ऐसे टॉप जिनमें उनके स्तनाग्र दर्शाने के लिए छेद बने हों, और महिलाओं के लिए अब तक काफी कुख्याति अर्जित कर चुकी डेनिम की पैण्टी जिसे जेण्टीज़  कहा जाता है, बाज़ार में उतारी हैं. जब इस तरह के विचित्र वस्त्र चर्चा में आते हैं तो स्वभावत: सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब चर्चा होती है. और इस तरह फैशन उद्योग सोशल मीडिया को भी खाद-पानी सुलभ करा देता है.

लेकिन सोशल मीडिया पर होने वाली तमाम चर्चाएं, चाहे वो सकारात्मक हों, या नकारात्मक अंतत: फैशन उद्योग के लिए लाभदायक ही साबित  होती हैं. अब यही बात लें कि मात्र दो माह पहले जेण्टीज़ पर खूब छींटाकशी की जा रही थी, लेकिन दो महीने बाद ही वैश्विक फैशन खोज प्लेटफॉर्म पर उसकी खोज  में 2250 प्रतिशत उछाल देखा गया. फैशन उद्योग में माना जाता है कि अगर कोई उत्पाद वायरल हो जाए तो उसकी सर्च  में कम से कम  एक हज़ार प्रतिशत का उछाल तो अवश्यम्भावी है. जो लोग इस तरह के फैशन उत्पादों की आलोचना करते हैं, फायदा उनको भी कम नहीं होता है. इन मामलों में दिलचस्पी रखने वाले समुदाय में उनको पहचाना जाने लगता है और अगर वे व्यंग्यपूर्ण प्रतिक्रिया करते हैं तो  उनके अभिव्यक्ति कौशल को सराहा जाता है. उनके फैशन बोध को सम्मान भरी नज़रों से देखा जाता है और फैशन की दुनिया उनकी बातों को गम्भीरता से लेने लगती है.

बात यहीं ख़त्म नहीं हो जाती. जिन उत्पादों की बहुत ज़्यादा आलोचना होती है, उनके लिए भी आहिस्ता-आहिस्ता एक विशेष खरीददार वर्ग तैयार होता जाता है. ये वे लोग होते हैं जो अपने पहनावे के मामले में अत्यधिक प्रयोगशील हैं. इनकी तो तमन्ना ही यह रहती है कि ये जो पहनें वह लोगों की कल्पना से भी परे का हो. ऐसे ही लोगों ने पारदर्शी जींस तक को सोल्ड आउट बना  दिया. ऐसे लोगों ने उसे पहना और फिर उनके पहनावे की खूब चर्चा हुई. पहनावे  की भी और पहनने वालों की भी. ज़ाहिर है कि ऐसा होने से फैशन डिज़ाइनर और निर्माताओं को अपनी मनचाही मुराद मिली. भले ही समाज में इस तरह के प्रयोगशील लोग बहुत ज़्यादा न  हों, यह बात भी सच है कि ये साहसी लोग ही बदलाव की राह का निर्माण करते हैं. अगर ऐसे साहसी लोग न हों तो सोचिये कि आज भी हम वही पहन रहे होते  तो हमारी पिछली पीढ़ियां पहनती थीं. हां, इतना ज़रूर है कि आज प्रयोगशीलता और  साहस का बहुत विस्तार हो गया है.

और हां,यह कहां ज़रूरी है कि हर नया बदलाव आपको पसंद आए ही! क्या पता जो आपको नापसंद हो, और लोग उसी को बहुत अधिक पसंद कर रहे  हों!

●●●
जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत मंगलवार, 21 मई, 2019 को इसी शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ. 


No comments: