Tuesday, October 30, 2018

लफंगे वहां भी हैं, लेकिन उनके विरुद्ध सब एकजुट हैं!


इन दिनों जापान के लोगों, विशेष रूप से वहां की  महिला रेल यात्रियों को एक अजीब तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. इस मानव निर्मित मुसीबत का नाम भी बहुत अजीब है. वहां इसे एयरड्रॉप चिकन या सायबर चिकन के नाम से जाना जा रहा है. एयरड्रॉप असल में एप्पल की एक एप है जिसका प्रयोग आई फोन के उपभोक्ता करते हैं.  अब यह चिकन क्या है? चिकन एक जापानी शब्द है जिसका इस्तेमाल वहां स्त्रियों के साथ अश्लील हरकत करने वालों के लिए किया जाता है. इसका काम चलाऊ हिंदी समानार्थी बिगड़ैल या लफंगा हो सकता है. जिनके पास आई फोन नहीं है लेकिन फिर भी जो यह काम करते हैं उन्हें सायबर चिकन कहा जाता है. अब ये चिकन यानि लफंगे करते यह हैं कि जैसे ही किसी महिला को आई फोन या किसी अन्य मोबाइल के साथ देखते हैं, वे उसे कोई अश्लील, अभद्र या भोण्डी तस्वीर भेज देते हैं. महिला के फोन पर संदेश आता है कि किसी ने आपको एक तस्वीर भेजी है. क्या आप उसे डाउनलोड करना चाहती हैं? और जैसे ही वह स्वीकृति देती है उसके मोबाइल स्क्रीन पर कोई नग्न, कुरुचिपूर्ण या भद्दी तस्वीर झिलमिलाने लगती है. कहना अनावश्यक है कि यह दुष्कृत्य यौन विकृति की परिणति होता है. इन बिगड़ैलों की यह हरकत उसी स्थिति में कामयाब हो पाती है जब सम्बद्ध महिला ने अपने मोबाइल का नीला दांत (ब्लू टूथ) या वाई फाई चालू कर रखा हो और अपने एयरड्रॉप एप की  सेटिंग ऐसी कर रखी  हो कि हर कोई आपको तस्वीर वगैरह भेज सके. अब होता यह है कि सामान्यत: लोग ब्लू टूथ या वाई फाई चालू ही रखते हैं और एयरड्रॉप की डिफॉल्ट सेटिंग को बदलने की ज़हमत नहीं उठाते हैं. इससे लफंगों को बदमाशी करने का मौका मिल जाता है.

जापान में वैसे तो इस तरह की हरकतें नई नहीं है. लोग याद करते हैं कि 2015 से ही  इस तरह की घटनाओं का ज़िक्र होने लगा था, लेकिन पिछले महीने से मीडिया में इन पर खूब चर्चाएं होने लगी हैं. वहां के कई टीवी चैनलों और प्रमुख समाचार पत्रों में इस तरह की अवांछित हरकतों की खबरें छप रही हैं और इन पर गम्भीर विमर्श हो रहा है. इस साल के शुरु में वहां ट्विटर पर भी यह चर्चा चली थी.  एक महिला जिसने नया-नया आई फोन खरीदा था,  उसने एक ट्वीट करके  बताया कि किसी ने एयरड्रॉप के ज़रिये उसे एक आपत्तिजनक तस्वीर  भेजी है. इस पर अन्य बहुतों ने अपने ऐसे ही अनुभव साझा किये. फिर तो ट्विटर पर  हैशटैग एयरड्रॉप के अंतर्गत ऐसे अनगिनत किस्से और तस्वीरें साझा हुए. तब लोगों को समझ में आया कि यह रोग कितना ज़्यादा फैल चुका है.

सुखद बात यह है कि जापान की पुलिस ने इन खबरों का तुरंत संज्ञान लिया है और हाल में दो ऐसे लफंगों को गिरफ्तार भी किया है. किसी दफ्तर में काम करने वाले एक बंदे ने रेल में अपने सामने बैठी युवती को एक आपत्तिजनक तस्वीर भेजी, तो उस युवती ने उस तस्वीर का स्क्रीनशॉट  लेकर पुलिस में शिकायत कर दी. उसने अपने सामने बैठे व्यक्ति को संदिग्ध भी बताया. पुलिस ने उसे तुरंत दबोच लिया. इसी तरह ओसाका जाने वाली ट्रेन में सफर कर रहे एक कार्यालयी कर्मचारी ने अपने पास बैठी एक महिला सहयात्री को जैसे ही एक अश्लील तस्वीर भेजी, उसी के साथ सफर कर रहे एक अन्य यात्री को उसका बर्ताव संदिग्ध लगा. उसने कुछ पूछताछ करने के बाद मामला पुलिस को सौंप दिया और पुलिस ने अपनी जांच में शिकायत को सही पाया. इन दो मामलों के बाद जापान में रेल यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि अगर उन्हें भी अपने मोबाइल पर कोई अभद्र तस्वीर मिले तो वे तुरंत उसका स्क्रीन शॉट ले लें और मामले की शिकायत ट्रेन के स्टॉफ या पुलिस से करें. असल में होता यह है कि ऐसा बिगड़ैल तस्वीर भेजने के लिए भले  ही किसी छद्म नाम का प्रयोग करे, उसका मोबाइल एक डिजिटल फुटप्रिण्ट ज़रूर छोड़ता है जिसका विश्लेषण कर उस तक पहुंचा जा सकता है.

इसी के साथ जापानी मीडिया वहां के नागरिकों को इस बारे में भी सजग कर रहा है कि वे अपने मोबाइल के एयरड्रॉप एप की सेटिंग को बदल कर ऐसा कर लें कि वे केवल अपने परिचितों की भेजी तस्वीरें ही स्वीकार कर सकें. इतना ही नहीं अब तो खुद एप्पल कम्पनी ने भी अपने इस एप की डिफॉल्ट सेटिंग बदल कर ऐसी कर दी है. इस पूरे मामले में सबसे सुखद बात यह है कि जापानी मीडिया, वहां की पुलिस, रेलवे प्रशासन, जापानी समाज  और एप्पल जैसा बड़ा व्यावसायिक घराना – ये सब एक जुट होकर इस  बदतमीज़ी का सामना कर रहे हैं.

 काश! अपने यहां भी ऐसा ही होने लगे!

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जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत मंगलवार, 30 अक्टोबर, 2018 को इसी शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.