Monday, December 17, 2007

लघु कथा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी


रायपुर । छत्तीसगढ़ की बहुआयामी और रचनाकारों की सांस्कृतिक संस्था "सृजन-सम्मान" द्वारा आगामी 16-17 फरवरी को रायपुर में नये समय की सबसे कारगर विधा लघुकथा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । विमर्श का केंद्रीय विषय "लघुकथाः नई सदी की केंद्रीय विधा" रखा गया है । इस राष्ट्रीय विमर्श में लघुकथा आंदोलन से संबंद्ध रहे 100 सक्रिय लघुकथाकार सहित लगभग 300 साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद् एवं आलोचक सम्मिलित होंगे ।
विमर्श एवं ग्रंथ हेतु शोध आलेख आमंत्रितसंस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव की कड़ी के रूप में होने वाले इस राष्ट्रीय विमर्श में लघुकथा विधा के विभिन्न आयामों पर आलेख वाचन, संवाद एवं हस्तक्षेप का सत्र रखा गया है । विमर्श में प्राप्त आलेखों का प्रकाशन भी किया जायेगा। संगोष्ठी हेतु लघुकथाकारों, शिक्षाविदों, आलोचकों, साहित्यकारों से निःशुल्क आलेख आमंत्रित किया जा रहा है ।
आलेख भेजने के नियमः-1. मूल आलेख अधिकतम 3-4 पृष्ठ का होना चाहिए । विस्तृत आलेख अलग से भेजा सकता है ।2. आलेख टाइप या हस्तलिखित हो सकता है किन्तु वह पठनीय हो ।3. आलेख के साथ रचनाकार अपना फोटो, संक्षिप्त परिचय अवश्य भेजें । 4. प्रविष्टि प्राप्ति की अधिकतम तिथि 30 जनवरी, 2008 ।५. अंतिम रूप से चयनित 45 आलेख लेखक विमर्श में आलेख वाचन कर सकेंगे । लेखक विमर्श में समुपस्थित रह सकेंगे । उनके आलेखों का प्रकाशन भी किया जायेगा । 6. समस्त आलेख लेखकों को प्रकाशित विमर्श-कृति की एक-एक प्रति निःशुल्क भेंट की जायेगी । 7. विमर्श के सम्मिलित प्रतीभागियों के आवास, भोजन आदि की निःशुल्क व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी ।
लघुकथाकार के विकास में योगदान देने वालों का सम्मानहिंदी लघुकथा की विधा के विकास में संघर्षरत रहे एवं अपनी रचनात्मकता से इस विधा को गति देने वाले देश के वरिष्ठ लघुकथाकारों, लघुकथा केंद्रित पत्रिका संपादकों, आलोचकों, शोधार्थियों, अनुवादकों, संगठनों का इस साहित्य महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी किया जायेगा । उन्हें इस अवसर पर देश के प्रख्यात साहित्यकारों, आलोचकों एवं महामहिम राज्यपाल, संस्कृति मंत्री, शिक्षामंत्री के करकमलों से "लघुकथा-गौरव" एवं "सृजन-श्री" अलंकरण प्रदान कर उनके साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया जायेगा । सम्मान स्वरूप रचनाकारों को एक प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिन्ह, 1000 रूपयों की साहित्यिक कृतियाँ भेंट की जायेगी ।
\n\u003cp\>इस हेतु एक चयन समिति का गठन किया गया है जो देश के प्रमुख विद्वानों से प्राप्त संस्तुतियों पर अंतिम निर्णय देगी । इस सम्मान हेतु लघुकथा विधा से संबंद्ध रचनाकार, आलोचक, पत्रिका संपादक सहित आदरणीय लघुकथा पाठक भी अपना खुला प्रस्ताव दे सकते हैं । \n\u003c/p\>\n\u003cp\>\u003cfont color\u003d\"#000099\"\>\u003cstrong\>लघुकथा पाठ का राष्ट्रीय आयोजन\u003c/strong\>\u003c/font\>\u003cbr\>इस महती आयोजन में 16 फरवरी, 2007 को रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक राष्ट्रीय लघुकथा पाठ का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें हिंदी सहित अन्य भाषाओं के लघुकथाकार भी हिंदी अनुवाद का पाठ कर सकेंगे । यह सत्र आंशिक रूप से खुला सत्र है। लघुकथा पाठ हेतु देश के सभी प्रदेशों के चुनिंदे लघुकथाकारों को आमंत्रित किया गया जा रहा है किन्तु इच्छुक लघुकथाकार भी लघुकथा पाठ हेतु संबंधित एवं प्रतिनिधि लघुकथा की एक प्रति डाक से भेज सकते हैं । लघुकथा पाठ हेतु लघुकथाकारों का अंतिम चयन कर उन्हें सूचित कर दिया जायेगा । लघुकथा पाठ हेतु प्रतिभागियों के भोजन एवं आवास की व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी । \n\u003c/p\>\n\u003cp\>\u003cfont color\u003d\"#000099\"\>\u003cstrong\>लघुकथा प्रदर्शिनी\u003c/strong\>\u003c/font\>\u003cbr\>सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ के इस महत्वपूर्ण आयोजन में लघुकथा पर केंद्रित एक प्रदर्शिनी भी लगाई जायेगी जिसमें ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण लघुकथा, लघुकथा संग्रह, लघुकथा केंद्रित लघु-पत्रिका, विशेषांक आदि प्रदर्शित की जायेंगी । लघुकथा के संवर्धन एवं विकास से जुड़ी संस्थायें एवं लघुकथाकार अपनी सामग्री 30 जनवरी 2007 तक भेज सकते हैं । प्रदर्शित सामग्री वे प्रदर्शिनी पश्चात वापस ले सकते हैं । \n\u003c/p\>\n\u003cp\>\u003cfont color\u003d\"#000099\"\>\u003cstrong\>लघुकथा संग्रह हेतु रचनायें आमन्त्रित\u003c/strong\>\u003c/font\>\u003cbr\>संस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रित विषय पर एक उत्कृष्ट संग्रह का प्रकाशन भी विधागत उन्नयन हेतु किया जाता है । इसी कड़ी में इस वर्ष लघुकथा संग्रह का प्रकाशन भी संस्था द्वारा निःशुल्क किया जा रहा है । लघुकथाकार वर्ष 2005 से अब तक लिखी गई, प्रकाशित या अप्रकाशित केवल 1 प्रतिनिधि लघुकथा भेज सकते हैं । इस संग्रह का विमोचन भी उक्त अवसर पर किया जायेगा तथा लघुकथाकारों को एक-एक प्रति भेंट की जायेगी । लघुकथाकार अपनी लघुकथा 20 जनवरी, 2007 के पूर्व तक भेज सकते हैं । \n\u003c/p\>\n\u003cp\>\u003cstrong\>\u003cfont color\u003d\"#000099\"\>संपर्क-सूत्र-\u003c/font\>\u003c/strong\>\u003cbr\>१. जयप्रकाश मानस, सृजन-सम्मान,एफ-3, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, आवासीय कॉलोनी, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001 (मोबाइल-94241-82664) ",1]
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इस हेतु एक चयन समिति का गठन किया गया है जो देश के प्रमुख विद्वानों से प्राप्त संस्तुतियों पर अंतिम निर्णय देगी । इस सम्मान हेतु लघुकथा विधा से संबंद्ध रचनाकार, आलोचक, पत्रिका संपादक सहित आदरणीय लघुकथा पाठक भी अपना खुला प्रस्ताव दे सकते हैं ।
लघुकथा पाठ का राष्ट्रीय आयोजनइस महती आयोजन में 16 फरवरी, 2007 को रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक राष्ट्रीय लघुकथा पाठ का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें हिंदी सहित अन्य भाषाओं के लघुकथाकार भी हिंदी अनुवाद का पाठ कर सकेंगे । यह सत्र आंशिक रूप से खुला सत्र है। लघुकथा पाठ हेतु देश के सभी प्रदेशों के चुनिंदे लघुकथाकारों को आमंत्रित किया गया जा रहा है किन्तु इच्छुक लघुकथाकार भी लघुकथा पाठ हेतु संबंधित एवं प्रतिनिधि लघुकथा की एक प्रति डाक से भेज सकते हैं । लघुकथा पाठ हेतु लघुकथाकारों का अंतिम चयन कर उन्हें सूचित कर दिया जायेगा । लघुकथा पाठ हेतु प्रतिभागियों के भोजन एवं आवास की व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी ।
लघुकथा प्रदर्शिनीसृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ के इस महत्वपूर्ण आयोजन में लघुकथा पर केंद्रित एक प्रदर्शिनी भी लगाई जायेगी जिसमें ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण लघुकथा, लघुकथा संग्रह, लघुकथा केंद्रित लघु-पत्रिका, विशेषांक आदि प्रदर्शित की जायेंगी । लघुकथा के संवर्धन एवं विकास से जुड़ी संस्थायें एवं लघुकथाकार अपनी सामग्री 30 जनवरी 2007 तक भेज सकते हैं । प्रदर्शित सामग्री वे प्रदर्शिनी पश्चात वापस ले सकते हैं ।
लघुकथा संग्रह हेतु रचनायें आमन्त्रितसंस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रित विषय पर एक उत्कृष्ट संग्रह का प्रकाशन भी विधागत उन्नयन हेतु किया जाता है । इसी कड़ी में इस वर्ष लघुकथा संग्रह का प्रकाशन भी संस्था द्वारा निःशुल्क किया जा रहा है । लघुकथाकार वर्ष 2005 से अब तक लिखी गई, प्रकाशित या अप्रकाशित केवल 1 प्रतिनिधि लघुकथा भेज सकते हैं । इस संग्रह का विमोचन भी उक्त अवसर पर किया जायेगा तथा लघुकथाकारों को एक-एक प्रति भेंट की जायेगी । लघुकथाकार अपनी लघुकथा 20 जनवरी, 2007 के पूर्व तक भेज सकते हैं ।
संपर्क-सूत्र-१. जयप्रकाश मानस, सृजन-सम्मान,एफ-3, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, आवासीय कॉलोनी, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001 (मोबाइल-94241-82664)
या\u003cbr\>२. डॉ. सुधीर शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक, सृजन-सम्मान, वैभव प्रकाशन, शिवा इलेक्ट्रानिक के पास, पुरानी बस्ती, रायपुर, 492001 (मोबाइल-94253-58748) या \n\u003cbr\>३. श्री राम पटवा, महासचिव, सृजन-सम्मान, बसंत पार्क, गुरुतेगबहादूर नगर, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001- (मोबाइल- 98271-78279)\u003c/p\>\n\u003cp\>\u003cfont color\u003d\"#000099\"\>\u003cstrong\>ई-मेल-\u003c/strong\>\u003c/font\>\u003cbr\>\u003ca href\u003d\"mailto:srijan2samman@gmail.com\" target\u003d\"_blank\" onclick\u003d\"return top.js.OpenExtLink(window,event,this)\"\>srijan2samman@gmail.com\u003c/a\> \u003c/p\>\u003c/blockquote\>\u003c/div\>\u003cbr\>प्रेषक- जयप्रकाश मानस\u003c/div\>\u003c/div\>\u003c/blockquote\>\n\u003cdiv\>रायपुर\u003c/div\>\u003c/div\>\u003cbr\>\n",0]
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या२. डॉ. सुधीर शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक, सृजन-सम्मान, वैभव प्रकाशन, शिवा इलेक्ट्रानिक के पास, पुरानी बस्ती, रायपुर, 492001 (मोबाइल-94253-58748) या ३. श्री राम पटवा, महासचिव, सृजन-सम्मान, बसंत पार्क, गुरुतेगबहादूर नगर, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001- (मोबाइल- 98271-78279)
ई-मेल-
srijan2samman@gmail.com