Tuesday, July 26, 2016

कितना उचित है हमारी निजी ज़िन्दगी में तुम्हारा झांकना!

लोकप्रिय अमरीकी अभिनेत्री जेनिफ़र एनिस्टन  ने एक बार फिर से ठहरे पानी में कंकड़ फेंकने का दुस्साहस किया है. फैशन, ग्लैमर और चकाचौंध की दुनिया के सितारों की निजी ज़िन्दगी में आम जन की स्वाभाविक दिलचस्पी को देखते हुए पत्रकारों की एक नई प्रजाति पिछले कुछ समय से अस्तित्व में है जिसे पापाराज़ी  नाम से जाना जाता है. इस प्रजाति का गुण धर्म है इन सितारों का हर जगह पीछा करना और इनके बारे में वो सारी जानकारियां अपने पाठकों को सुलभ करना, जिनमें से बहुत सारी को ये खुद सार्वजनिक न करना चाहते हों. इस तरह पापराज़ी नामक यह प्रजाति व्यक्ति की निजता का अतिक्रमण करते हुए अपना काम करने का प्रयास करती है. वैसे तो यहीं यह बात भी कह दी जानी चाहिए कि बहुत सारे मामलों में चकाचौंध की दुनिया के ये सितारे खुद पत्रकारों को बुलाकर उनके कान में अपनी या अपने सहगामियों अथवा प्रतिपक्षियों की ज़िन्दगी की न कही जा सकने वाली बातें उण्डेलते हैं, लेकिन बहुत बार यह भी होता है कि सितारे जो बातें नहीं ज़ाहिर करना चाहते हैं उन्हें भी ये सार्वजनिक कर डालते हैं. कभी-कभार ऐसा भी होता है कि महज़ अनुमान के आधार पर ये लोग ऐसा कुछ लिख और प्रकाशित कर देते हैं जो मिथ्या होता है, और यदा-कदा यह भी होता है कि ये लोग जो लिखते हैं वो होता तो सही है लेकिन सितारे अपने हितों की रक्षा करते हुए उसका खण्डन कर डालते हैं. जब तक सही बात सामने आती है, जिसका जो फायदा नुकसान होना होता है, हो चुका होता है. 

पिछले कुछ समय से इस आशय की ख़बरें और अफ़वाहें चलन में थीं कि यह 47 वर्षीया अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक गर्भवती हैं. वैसे तो छोटे और बड़े पर्दे की तारिकाओं को लेकर इस तरह की झूठी-सच्ची खबरों का फैलना कोई नई और चौंकाने वाली बात नहीं है. हमारे अपने देश में आए दिन किसी न किसी तारिका  को लेकर  इस तरह की ‘खबरें’ आम होती ही रहती हैं. एक दिन ख़बर आती है, दूसरे दिन उसका खण्डन आ जाता है और फिर कभी-कभार  यह भी होता है कि कुछ दिनों बाद हमें जानने को मिलता है कि जिस खबर का खण्डन किया गया था, असल में वह सच थी. जेनिफ़र एनिस्टन के गर्भवती होने वाली  इस  ख़बर का महत्व इस बात में नहीं है कि यह सच है या झूठ. यहां महत्व की बात  यह है कि जेनिफ़र एनिस्टन ने अपने एक सुलिखित और विचारोत्तेजक लेख में पापाराज़ी के इस काम और सार्वजनिक  जीवन में काम  करने  वाली स्त्रियों के अस्तित्व को लेकर  कुछ गम्भीर सवाल  उठाये हैं. हफ़िंगटन पोस्ट में ‘फॉर द रिकॉर्ड’ शीर्षक से प्रकाशित इस लेख में जेनिफ़र ने कहा है कि आम  तौर पर वे अफवाहों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करती हैं. लेकिन अब वे पत्रकारिता के नाम पर आए दिन की जा रही स्त्री देह की इस क्रूर पड़ताल से आजिज़ आकर यह प्रतिक्रिया दे रही हैं. उन्होंने कहा कि अब तक तो मैं मानती रही थी कि ये टैब्लॉइड कॉमिक बुक्स की तरह होते हैं, जिन्हें गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन अब मैं खुद को नहीं रोक पा रही हूं. इसलिए नहीं रोक पा रही हूं कि पत्रकारिता  के नाम दशकों से चल रहे स्त्री को एक वस्तु के रूप में सीमित कर डालने के इस क्रूर खेल का खुद मैंने अनुभव  किया है  और यह बहुत तेज़ सड़ांध मार रहा है. इससे यह भी  पता चलता है कि औरत के महत्व को हम कितना छोटा करके आंकते हैं.

अपने इस लेख में जेनिफ़र ने एक  बहुत महत्वपूर्ण बात यह कही है कि मेरी प्रजनन क्षमता में मीडिया की दिलचस्पी उस बड़ी यंत्रणा की तरफ इंगित करती है जो समाज में संतान रहित स्त्रियों को झेलनी पड़ती है. अपनी बात  को और साफ़ करते हुए उन्होंने लिखा है कि मीडिया अपनी जितनी ताकत यह बात उजागर करने पर खर्च कर रहा है कि मैं प्रैग्नेंट हूं या नहीं वह इस सोच की परिणति है कि कोई भी स्त्री, अगर वह विवाहिता है लेकिन उसके बच्चे  नहीं हैं तो फिर वह नाकामयाब, नाखुश और अधूरी है. एनिस्टन ने बलपूर्वक कहा है कि अपनी पूर्णता के लिए हमारा शादी शुदा या मां होना क़तई ज़रूरी नहीं है. यह तै करने का अधिकार पूरी तरह हमारा है कि हम किसमें और किस तरह खुश हैं.

एनिस्टन के इस लेख का जहां अधिकांश  सितारों ने समर्थन  किया है, पापाराज़ी की दुनिया के कुछ सक्रिय सदस्यों ने इससे अपनी असहमति भी व्यक्त की है. लेकिन इससे शायद ही कोई असहमत हो कि अपने इस लेख के माध्यम से एनिस्टन ने हमारे समय के कुछ बेहद ज़रूरी सवाल उठाए हैं. 

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जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत मंगलवार, 26 जुलाई, 2016 को इसी शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.