Tuesday, February 20, 2018

वो रख देंगे आपके लिए 'आपका' कलेजा निकाल के!

हम लोग अभी तक इस बात के भी पूरी तरह अभ्यस्त नहीं हो पाए हैं कि शादी जैसे पारिवारिक आयोजन में ईवेण्ट मैनेजमेण्ट कम्पनी के वेतनभोगी लोग वे सारे काम करें जिन्हें हम घराती लोगों को करते देखने की उम्मीद लगाये रहते हैं. हम लोग तो जब किसी दावत में जाते हैं तो कहीं न कहीं मन की यह टीस उजागर हो ही जाती है कि हाय!  वो दिन कहां हवा हो गए जब घर वाले मनुहार कर कर के लड्डू मुंह में ठूंसा करते थे. अब तो अनजान वेटर निरपेक्ष  भाव से अपना दायित्व निर्वहन कर देते हैं! लेकिन जो लोग इन नए ज़माने के तौर तरीकों के आदी हो गए हैं, वे भी आगे का वृत्तांत  पढ़कर आज के ‘बाज़ारवादी’ ज़माने के चलन पर दो आंसू ज़रूर टपका देंगे. 

हर ख़ास-ओ-आम को खबर हो कि अब अपने देश भारत में एक कम्पनी ऐसी अवतरित हो चुकी है जो आपकी तरफ से आपकी प्रेमिका (या प्रेमी)‌ को हस्तलिखित प्रेम पत्र लिख भेजने के लिए तैयार बैठी है! ज़माना भले ही कम्प्यूटर, इण्टरनेट और ई मेल का हो, हाथ से लिखे ख़त में जो लज़्ज़त है उसका कोई मुकाबला नहीं है और इसी बात को समझ यह कम्पनी आपकी सेवा में हाज़िर हुई है. आप तो बस इन्हें अपना नाम, जिसे ख़त भेजना है उसका नाम, पता वगैरह और यह जानकारी कि ख़त में क्या लिखा जाना है और  कितने विस्तार या संक्षेप में लिखा जाना है यह बता दें बाकी सारा काम उनका. वे एक मसविदा बनाकर आपको भेज देंगे और अगर आप उसका अनुमोदन कर देंगे तो उसे एक हाथ से लिखे ख़त के रूप में भेज देंगे. कहने की ज़रूरत नहीं है कि यह सेवा सशुल्क है, यानि आपको अपनी जेब थोड़ी हल्की करनी पड़ेगी. लेकिन वो अंग्रेज़ी में कहते हैं ना कि मुफ्त में दावत कौन देता है! जहां तक प्रेम पत्रों की बात है, यह कम्पनी अनगिनत सुविधाएं आपको मुहैया करवाती है. यानि आप यह चुन सकते हैं कि ख़त कैसी हस्तलिपी में लिखा जाएगा, यह चुन सकते हैं कि कैसे कागज़ पर वे लोग आपके लिए ‘आपका’ कलेजा निकाल कर रखेंगे और उसे पोस्ट करेंगे, आपका ख़त डाक से भेजा जाए या कूरियर से, सामान्य डाक से या तीव्र गति की डाक सेवा से, और उम्मीद की जानी चाहिए कि समय के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी इस सेवा में जुड़ती जाएंगी. हो सकता है निकट भविष्य में वे लोग क़ासिद (यानि पत्र वाहक)  की सेवाएं भी प्रदान करने लगें जिसकी खूब चर्चा बीते ज़माने की उर्दू शायरी में हुई है. याद कीजिए ग़ालिब का यह शे’र: “क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ/  मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में.” जब इस सेवा का विस्तार हो जाएगा तो बहुत मुमकिन है कि क़ासिद के जेण्डर और उम्र को लेकर भी अनेक विकल्प मिलने लग जाएं! 

और हां, यह न समझ लें कि हाथ से लिखे ख़त भेजने का यह करोबार इश्क़-मुहब्बत तक सीमित है. यह सेवा व्यावसायिक पत्रों के लिए भी इसी मुस्तैदी से उपलब्ध है. कल्पना कीजिए कि कोई कम्पनी एक नया उत्पाद बाज़ार में लाती है और उसकी सूचना आपको कम्पनी के किसी उच्चाधिकारी द्वारा ‘अपने हाथ’ से लिखे पत्र से आपको मिले तो आपको कितनी खुशी होगी! हस्तलिखित पत्र भेजने की सेवा प्रदाता यह कम्पनी यह और ऐसी अनगिनत व्यावसायिक सेवाएं देने के लिए बेताब है. बस, आप हुक्म कीजिए. नए ग्राहक, पुराने ग्राहक, उत्पाद की सूचना, सहयोग के लिए आभार, आपको हुई असुविधा के लिए खेद – सब कुछ के लिए हाथ से खत लिखकर भेजने को तैयार है यह कम्पनी. 

और अगर आपको यह भी अपर्याप्त लग रहा हो तो और सुनिये. कम्पनी देश में ही नहीं विदेश में भी आपकी तरफ से किसी भी तरह का हस्तलिखित पत्र भेजने को तैयार है. यहां तक कि अगर आप बहुत जल्दी में हों और डाक से अपना हस्तलिखित पत्र भेजने का सब्र न कर सकते हों तो कम्पनी ई मेल से भी आपका हस्तलिखित पत्र भेज सकती है. और अगर यह सेवा भी आपको अपर्याप्त  लगे तो इतना और बताता चलूं कि कम्पनी आपकी तरफ से फ़ेसबुक पर स्टेटस  पोस्ट कर सकती है, ट्वीट कर सकती है, वॉट्सएप संदेश भेज सकती है- यानि किसी भी तरह का संदेश, किसी भी माध्यम से, किसी भी भारतीय अथवा विदेशी भाषा में,  किसी को भी  आपको भेजना हो, फिक्र करने की ज़रूरत नहीं. ‘वे’ हैं ना! आप तो बस आदेश दीजिए, भुगतान  कीजिए और निश्चिंत हो जाइये. चाहें तो यह कल्पना करना भी शुरु कर सकते हैं  कि यह तो इब्तिदा है;  आगे,  और आगे क्या होगा! कौन-कौन-सी सेवाएं पैसे खर्च करने पर मिलने लगेंगी! 
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जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत  मंगलवार, 20 फरवरी, 2018 को इसी शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.