Tuesday, December 4, 2018

हमने ही नहीं औरों ने भी बदले हैं अपने शहरों के नाम!


यह बहुत दिलचस्प बात है कि अपनी अनेक असमानताओं के बावज़ूद आजकल भारत और ऑस्ट्रेलिया में एक बात समान देखी जा सकती है. यह समानता है नाम परिवर्तन को लेकर चल रही बहसों के मामले में. जहां हमारे अपने देश में हाल में कई शहरों के नाम बदले गए हैं और अब कई अन्य शहरों के नाम बदलने के सुझाव-प्रस्ताव सामने आ रहे हैं और इस बदलाव को लेकर लोगों के मनों में खासा उद्वेलन है, वहीं सुदूर ऑस्ट्रेलिया में भी कुछ-कुछ ऐसा ही हो रहा है. इसी माह के प्रारम्भ में सिडनी की सिटी काउंसिल ने अपने शहर के एक पार्क के नाम को बदलने के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से स्वीकृति दी है. अब तक इस पार्क को प्रिंस एल्फ्रेड पार्क  नाम से जाना जाता था, लेकिन नवम्बर 2017 में इस पार्क में कोई तीस हज़ार ऑस्ट्रेलियाई नागरिक समलिंगी विवाह (सेम सेक्स मैरिज) पर राष्ट्रीय मतदान का परिणाम जानने के लिए एकत्रित हुए थे. इसी पार्क में ऑस्ट्रेलिया का इसी मक़सद के लिए बहु चर्चित यस अभियान चला था. और जब मतदान का परिणाम अभियान चलाने वालों के पक्ष में आया (और इस कारण बाद में उस देश के कानून में बदलाव हुआ) तो पार्क में ज़बर्दस्त उत्सव मनाया गया. इसी अभियान और उत्सव की स्मृति को स्थायी बनाने के लिए सिडनी के इस पार्क का नया नामकरण किया गया- इक्वलिटी ग्रीन. इस नए नाम परिवर्तन से पहले भी ऑस्ट्रेलिया में अनेक जगहों के नाम बदलने की चर्चाएं चलती रही हैं.

असल में ऑस्ट्रेलिया में एक समूह है जो इस बात पर बल देता है कि इस देश की जड़ों और इसके भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए बहुत सारे नामों को इस तरह बदला जाना ज़रूरी है कि उनसे एक अधिक समकालीन ऑस्ट्रेलिया का बोध हो सके. इस तरह के लोगों का प्रतिनिधित्व  करने वाली ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र की एक राजनीतिज्ञ बी कॉडी कैनबरा के कुछ क्षेत्रों का भी नाम बदलवाना चाहती हैं. उनका कहना है कि यहां के अनेक नाम ऐसे  हैं जो या तो बुरे लोगों के नामों पर रखे गए हैं या जिन नामों की वजह से पीड़ितों को ठेस पहुंचती है. उनका कहना है कि  ये नाम या तो इसलिए रख दिये गए कि तब बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध नहीं थीं या फिर तब बहुत सारे कामों के बारे में समाज का नज़रिया अलहदा हुआ करता था. बी कॉडी का कहना है कि नामों में बदलाव की मांग वे उन्हें मिले नागरिकों के बहुत सारे अनुरोधों के कारण कर रही हैं. इनमें से ज़्यादातर अनुरोध ऐसे लोगों के नामों से जाने जाने वाले स्थानों के बारे में हैं जिन पर आपराधिक कृत्यों में लिप्त होने के अथवा ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों पर अत्याचार करने  के आरोप हैं या फिर उनकी भूमिका युद्ध के दौरान संदिग्ध रही है. ऐसे लोगों में वे एक पूर्व गवर्नर जनरल सर विलियम स्लिम का नाम लेती हैं जिन पर 1950 में लड़कों के साथ दुराचार के आरोप लगे थे, या पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गवर्नर का नाम लेती हैं जिन्होंने 1834 में एक नरसंहार कराया था.

लेकिन ऑस्ट्रेलिया में भी सारे लोग उनके विचारों से सहमत नहीं हैं. ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र के सह-सभापति जेफ़ ब्राउन का विचार है कि नाम परिवर्तन एक अजीब और उलझन भरा काम है क्योंकि इसकी वजह से अनगिनत लोगों को अपने सम्पर्क विवरण में बदलाव करना पड़ता है और इलेक्ट्रॉनिक नक्शों और अभिलेखों में भी बहुत सारे बदलाव करने पड़ते हैं. उनका स्पष्ट मत है कि सामान्यत: सारे नाम चिर स्थाई होते हैं. लेकिन इन दो परस्पर विरोधी मतों के बावज़ूद ऑस्ट्रेलिया में कुछ नाम बदले गए हैं. सन 2016 में एक सफल अभियान के बाद क्वींसलैण्ड के एक  द्वीप का जो नाम उसके ब्रिटिश खोजकर्ता  स्ट्रेडब्रोक के नाम पर था, उसे वहां के मूल ऑस्ट्रेलियाई निवासियों के नाम पर मिंजेरबा रखा गया. वहां की स्थानीय जंदाई भाषा में इस शब्द का अर्थ होता है धूप में द्वीप. ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में वहां के मूल निवासियों को सम्मान देने के लिए सर्वाधिक नाम बदले गए हैं. ऑस्ट्रेलिया में वहां के मूल निवासियों के प्रति बढ़ती जा रही सदाशयता की एक झलक इस नाम परिवर्तन में भी देखी जा सकती है.

और जब बात नाम परिवर्तन की ही चल गई है तो यह भी याद कर लेना कम रोचक नहीं होगा कि दुनिया के जिन  बहुत सारे शहरों को आज हम जिन नामों से जानते हैं वे उनके बदले हुए नाम हैं. क्या आपको यह बात पता है कि अमरीका का जाना माना शहर न्यूयॉर्क पहले न्यू एम्सटर्डम  नाम से जाना जाता था? या वियतनाम का हो ची मिन्ह शहर 1976 तक  सैगोन नाम से जाना जाता था? या कनाडा के टोरण्टो और ओटावा शहर क्रमश: यॉर्क और बायटाउन नामों से जाने जाते थे? या नॉर्वे का ओस्लो 1925 तक क्रिस्टियनिया हुआ करता था!

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जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ  उधर के अंतर्गत मंगलवार, 04 दिसम्बर, 2018 को इसी शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.