Tuesday, December 11, 2007

जगजीत सिंह का गाया एक हिन्दी गीत्

जगजीत सिंह का नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं रह गया है. गज़ल को उन्होंने भारत में जो लोकप्रियता प्रदान की है, उसकी प्रशंसा करना मानो सूरज को दीपक दिखाना है. मैं वह नहीं करूंगा.
लेकिन, जगजीत की गायकी का एक पक्ष प्राय: अनदेखा किया गया है. उन्होंने कुछ बहुत उम्दा हिन्दी गीत भी गाए हैं - इस तरफ लोगों का ध्यान कम ही गया है. यह भी कि हिन्दी गीतों को भी उतनी ही अच्छी तरह से गाया जा सकता है, जितनी अच्छी तरह से उर्दू गज़लों-नज़्मों को गाया गया है.
सुनिए जगजीत की मखमली आवाज़ में यह गीत. इसकी भाषा के माधुर्य पर भी ध्यान दीजिए, और फिर बताइये कि जगजीत को ऐसे ही और गीत क्यों नहीं गाने चाहिए?

http://www.esnips.com/doc/6790588f-1404-4e98-8d9c-25da098f980a/Bujh-Gayee-Tapate-Hue-Din-Ki-Agan/?widget=flash_turning

http://www.esnips.com/doc/6790588f-1404-4e98-8d9c-25da098f980a/Bujh-Gayee-Tapate-Hue-Din-Ki-Agan




3 comments:

बालकिशन said...

बहुत प्रयास करने पर भी गीत चालू नही हुआ.
बारबार जरा सा बजकर बंद होजाता है.

डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल said...

यही गीत यहां पर भी है :
http://www.esnips.com/doc/7665f9c5-d480-4b5b-bc31-a372df8bac46/Bujh-Gayi-Takte-Hue---Jeevan-Kya-Hai---Jagjit-Singh
आपको हुई असुविधा के लिए खेद है.

डॉ .अनुराग said...

shukriya jagjeet ji ka fan hun par is geet ko pahle kahi radio par suna tha,aapne dubara sunva diya.