लीजिए आज यहां आपके
सामने सबसे बड़े रहस्य पर से पर्दा हटने जा रहा है. विश्वास कीजिए, इस रहस्योद्घाटन के बाद आप खुद को बदला हुआ और पहले
से ज़्यादा कामयाब पाएंगे. आज मैं आपको बताने जा रहा हूं कि आप क्या करें और क्या न
करें जिससे देखने वालों को आप अधिक आकर्षक लगें!
तो पहली बात जो मैं
आपको बता रहा हूं वह यह है कि आप भरपूर नींद लें. और यह बात मैं सन 2010 में की गई
एक शोध के परिणामों के आधार पर आपसे कह रहा हूं. इस शोध में कुछ तस्वीरें ऐसे
लोगों की थीं जो पूरे आठ घण्टों की नींद ले चुके थे और कुछ ऐसों की जिन्होंने
पिछले इकत्तीस घण्टों में पलक भी नहीं झपकी थी. जब ये तस्वीरें औरों को दिखाई गईं
तो उन्होंने आठ घण्टों की नींद लेने वालों को आकर्षक बताया. अब दूसरी बात, जिसका
आधार है सन 2014 में चीन में की गई एक शोध. इसमें कुछ लोगों को कुछ ऐसे स्त्री- पुरुषों
की तस्वीरें दिखाई गईं जिनके चेहरों पर कोई भाव नहीं थे. लेकिन
इनमें से कुछ तस्वीरों के नीचे ‘भला और ईमानदार’ लिखा हुआ था तथा कुछ अन्य
तस्वीरों के नीचे ‘बुरा और नीच’ लिखा हुआ था. कुछ तस्वीरें ऐसी भी थीं जिनके नीचे कुछ भी लिखा हुआ नहीं
था. तस्वीरों को देखने वालों ने उन्हें नापसन्द किया जिनकी तस्वीरों के नीचे ‘बुरा
और नीच’ अंकित था. संदेश बहुत स्पष्ट है कि भले लोगों को ज़्यादा पसन्द किया जाता
है. अब इसी साल यानि 2016 की एक शोध की बात. इस शोध के परिणाम बताते हैं कि जो लोग
अपनी बाहें सीने पर बाँध कर रखते और कन्धे झुका कर रहते हैं उनकी तुलना में वे लोग
जो अपनी बाहें फैलाये रहते और खुली मुद्रा में रहते हैं वे अधिक आकर्षक माने जाते
हैं. यानि संकुचित मुद्रा की बजाय उन्मुक्त मुद्रा हमेशा बेहतर रहती है. यह हुई
चौथी बात.
सन 2013 में किए गए एक अध्ययन से पता चली पांचवीं बात. इस अध्ययन में पाया गया
कि तनाव की वजह से जिन स्त्रियों में स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल अधिक था वे
पुरुषों की नज़रों में कम आकर्षक पाई गईं. फिलहाल यह जानकारी सुलभ नहीं है कि पुरुषों
पर ऐसा कोई अध्ययन किया गया या नहीं, लेकिन माना जाना चाहिए कि तनावग्रस्त पुरुष
भी आकर्षक नहीं लगते होंगे. छठी बात यह कि हालांकि स्त्रियां प्रसन्न चित्त और मुस्कुराते
हुए चेहरे वाले पुरुषों को पसन्द करती हैं, युवतियां ऐसे लोगों को नापसन्द करती
हैं जो ज़्यादा हंसते रहते हैं. एक मज़ेदार
बात यह भी जान लीजिए कि जहां गर्वित पुरुष आकर्षक माने जाते हैं वहीं पुरुष
लोग गर्वित स्त्रियों को पसन्द नहीं करते हैं. ये सारी बातें प्रमाण पुष्ट हैं.
असल में सन 2011 में एक हज़ार से ज़्यादा लोगों पर रिसर्च करके ये जानकारियां हासिल
की गई हैं. इस शोध में भाग लेने वाले
पुरुषों को स्त्रियों की और स्त्रियों को पुरुषों की तस्वीरें दिखा कर जब उनकी राय
पूछी गई तो पाया गया कि पुरुषों ने
गर्विताओं की तुलना में खुशगवार स्त्रियों को आकर्षक बताया, और स्त्रियों ने
प्रसन्न मुख पुरुषों की तुलना में गर्वित
पुरुषों को अधिक आकर्षक माना. सातवीं बात स्त्री-पुरुष का भेद ख़त्म कर देने वाली
है. अगर किसी में हास्य बोध का अभाव है तो उसे आकर्षक नहीं माना जा सकता, चाहे वो
स्त्री हो या पुरुष. और इसी तरह आठवीं बात
भी है कि चाहे वो स्त्री हो या पुरुष, अगर वो आलसी है और दूसरों की सहायता को
तत्पर नहीं है तो उसे आकर्षक नहीं माना जाता है. अखिरी बात है देह गन्ध को लेकर.
यहां मामला थोड़ा अस्पष्ट है. की गई शोधों के अनुसार लोगों को वे साथी ज़्यादा पसन्द
आते हैं जिनकी देह गन्ध न तो उनसे बहुत ज़्यादा मिलती-जुलती होती है और न बहुत
ज़्यादा अलहदा! यह बात पर्फ्यूम्स के बारे में भी लागू होती ही.
और जब हमने आकर्षण को लेकर इतनी सारी बातें कर ली हैं तो इनमें यह और जोड़ दें
कि वो कौन-सी चीज़ है जो किसी को निश्चित रूप से अनाकर्षक बनाती हैं. वो है ग़ैर
ईमानदारी. अगर कोई अपनी उम्र या अपनी आय के बारे में भी झूठ बोलता है तो उसका
आकर्षण कम हो जाता है. सन 2006 में किये गए एक अध्ययन से साबित हुआ है कि कोई
व्यक्ति कितना ही आकर्षक क्यों न हो, अगर वो ईमानदार नहीं है तो कोई उसे आकर्षक
नहीं माना जाता है.
और आखिर में एक डिस्क्लेमर. हालांकि ये सारी बातें एक प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी
प्रकाशन बिज़नेस इन्साइडर में छप पर पूरी दुनिया में प्रचारित हो चुकी हैं, इन पर
भरोसा आप अपनी रिस्क पर ही कीजिए! ठीक है ना?
जयपुर से प्रकाशित लोकप्रिय अपराह्न दैनिक न्यूज़ टुडै में मेरे साप्ताहिक कॉलम कुछ इधर कुछ उधर के अंतर्गत मंगलवार, 06 सितम्बर, 2016 को उठ रहा है सबसे बड़े रहस्य पर से पर्दा, ऐसे लगेंगे आप आकर्षक शीर्षक से प्रकाशित आलेख का मूल पाठ.