tag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post8375661006578567679..comments2024-03-11T15:37:34.567+05:30Comments on जोग लिखी: जो चाहोगे वही मिलेगाडॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post-88636589560309276022007-10-20T11:08:00.000+05:302007-10-20T11:08:00.000+05:30धन्यवाद, अनिता जी.मैं तो पूरी ज़िन्दगी हिन्दी पढाता...धन्यवाद, अनिता जी.<BR/>मैं तो पूरी ज़िन्दगी हिन्दी पढाता रहा हूं और अब सेवा निवृत्त हूं.<BR/>मैं यहां राजस्थान के लोकप्रिय अखबार राजस्थान पत्रिका में एक साप्ताहिक स्तम्भ 'वर्ल्ड ऑफ बुक्स' शीर्षक से लिखता हूं जिसमें दुनिया की एकदम नई प्रकाशित और चर्चित किताबों की चर्चा करता हूं. यह किताब भी इसी क्रम में पढी थी और यह टिप्पणी उसी कॉलम में छपी थी. अपनी टिप्पणियां इस ब्लॉग पर डालता रहता हूं.डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post-745006444254474762007-10-19T23:24:00.000+05:302007-10-19T23:24:00.000+05:30आप ने बहुत ही सरल तरीके से लाजियर की बातें रखी हैं...आप ने बहुत ही सरल तरीके से लाजियर की बातें रखी हैं , ये सौलह आने सच है इस मे तो कोई दो राय नही, इस किताब का जिक्र तो किसी साइकॉलोजिस्ट को करना चाहिए था…क्या इसी विषय से आप जुड़े हुए हैं।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.com