tag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post1619663811226926407..comments2024-03-11T15:37:34.567+05:30Comments on जोग लिखी: यह कैसी पत्रकारिता?डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post-18875021836466897642008-01-29T21:01:00.000+05:302008-01-29T21:01:00.000+05:30अनुराधा जी, मैं उम्मीद करता हूं कि आपने नमिता जी क...अनुराधा जी, मैं उम्मीद करता हूं कि आपने नमिता जी की तथाकथित क्षमा याचना को शब्दश: पढ होगा. उसमें उन्होंने अपने कृत्य को उचित ठहराया है और अंत में 'यदि' के साथ क्षमा याचना की है, जिसका कोई अर्थ नहीं हुआ करता. यह भी देखिये कि जिन लेखकों को मंच से उतारने की बात की गई, उनमें से कोई कुछ नहीं बोला, और उन में से किसी का कोई बयान आया जो उस आयोजन में उपस्थित थे. सारे बयान उन लोगों के हैं जिन्होंने मात्र एक अखबार में यह सब पढा है. यह भी महत्वपूर्ण है कि जयपुर में ही अन्य अखबारों में इस पर एक भी पंक्ति नहीं है. अगर इतनी बडी घटना हुई थी तो शेष अखबारों के सम्वाददाता क्या सो रहे थे? या उन्हें लेखकों के अपमान से सहमतिडॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post-74763241135812625662008-01-29T16:50:00.000+05:302008-01-29T16:50:00.000+05:30यदि ये विवाद सिर्फ पत्रकारिता का कमाल होता तो नमित...यदि ये विवाद सिर्फ पत्रकारिता का कमाल होता तो नमिता जी कभी सरेआम माफी नहीं मांगती ना ही ये बात इतना तूल पकडती।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6071478739911409268.post-75074043381290338442008-01-28T23:18:00.000+05:302008-01-28T23:18:00.000+05:30पत्रकारिता सेखबरकारिता कीओर बढते कदमकदम दर कदमपत्र...पत्रकारिता से<BR/>खबरकारिता की<BR/>ओर बढते कदम<BR/>कदम दर कदम<BR/>पत्रकारिता का<BR/>निकलता दम<BR/><BR/>पत्र बेदम<BR/>खबर में दम<BR/>पढते हम<BR/>लिखते भी हम<BR/>और<BR/>फूलता दम<BR/><BR/>दम का<BR/>फूटता बम<BR/>बम भोले बम.अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.com